मां दुर्गा के 9 बीज मंत्र, 9 भोग, 9 रंग
9 भोग = 1. घी या घी में केसर डालकर 2. गुड़ 3. सफेद रंग की मिठाई या दूध से बनी खीर 4. मालपुआ 5. केला 6. शहद 7. गुड या गुड की मिठाई 8. नारियल 9. तिल, घी, गुड अगर पूरे 9 दिन ये भोग संभव ना हो तो रोजाना केला, पंचमेवा, लौंग, पतासे, गोला, मिश्री का भी भोग लगा सकते हैं ।
9रंग= 1.पीला 2. हरा 3. भूरा / सलेटी 4. नारंगी / संतरी 5. सफेद / क्रीम 6. लाल / मेहरून 7. नीला / आसमानी 8. गुलाबी 9. बैंगनी / जामुनी अगर ये सभी रंग आपके पास नहीं है तो आप रोजाना लाल या पीले रंग के कपड़े पहनकर भी मां जगदंबा की पूजा कर सकते सुंबर
1. शैलपुत्री : ह्रीं शिवायै नमः ।
2. ब्रह्मचारिणी : ह्रीं श्री अम्बिकायै नमः ।
3. चन्द्रघण्टा : ऐं श्रीं शक्तयै नमः ।
4. कूष्मांडा : ऐं ह्री देव्यै नमः ।
5. स्कंदमाता : ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नमः ।
6. कात्यायनी : क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नमः ।
7. कालरात्रि : क्लीं ऐं श्री कालिकायै नमः ।
8. महागौरी : श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नमः |
9. सिद्धिदात्री : ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नमः ।
“जय माता दी! कल नवरात्रि का वक्त हो रहा है, जब हम मां दुर्गा की पूजा और अर्चना करते हैं। आइये जानते हैं उनके नौ बीज मंत्रों के बारे में। ये मंत्र हमें और मां की कृपा को प्राप्त करने में मदद करते हैं।”
“ध्यान दीजिए, पहला बीज मंत्र है ‘ॐ श्रां श्रीम श्रौं सः चंद्रमासे नमः’। इस मंत्र की जाप से मां हमारे जीवन को शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति करती हैं।”
“दूसरा बीज मंत्र है ‘ॐ ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’। इस मंत्र का जाप करने से मां हमें संकटों और बुराइयों से बचाती हैं और हमारे जीवन को सुरक्षित बनाती हैं।”
“तीसरा बीज मंत्र है ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।’ इस मंत्र का जाप करने से मां हमारे मन को निरंतर स्थिर और संतुलित बनाती हैं।”
“अब चलते हैं आगे, चौथा बीज मंत्र है ‘ॐ क्लीं ऐं हूं हाँ सः चंद्रमासे नमः’। इसे जाप करने से मां हमें धन, सफलता और जीवन में प्रसन्नता प्रदान करती हैं।”
“अब बात करते हैं नौ भोग की। इन भोगों का मतलब होता है मां को अपने भक्तों को पूरी तरह से संतुष्ट करना। हम इन नौ भोगों में मिठास, स्वाद, पोषण, और आनंद का एक संगम मानते हैं।”
“आपको मालूम होना चाहिए कि जब इन मंत्रों और भोगों का उपयोग करते हैं, तो मंत्रों की पूरी द्रष्टि और श्रद्धा से जप करें और भोगों को आराम से सजाएं।”
“अब आईए जानते हैं उनके नौ रंगों के बारे में। ये रंग हमारे भावुकता, उमंग, और आनंद का प्रतीक हैं। ये आपकी मां दुर्गा की पूजा को और भी आकर्षक बनाते हैं।”
“ध्यान दिजिए, नौवां और अंतिम रंग है ‘कृष्णा जेठी मणी’। यह रंग हमें इन सप्तश्रृंगी पर्वत के रूप में और भी भक्ति और शक्ति का अनुभव कराता हैं।”
“इस प्राचीन शक्ति के मंत्र, भोग और रंगों को लेकर आपकी जानकारी और संपूर्णता हो गई है। आप सभी से आग्रह हैं कि इनका सम्मान करें और नवरात्रि का उत्साह सही ढंग से मनाएं।”
“धन्यवाद! इस वीडियो को देखने के लिए और हमारे चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए आपका आभार।”
जय माता दी
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