नवरात्रि पूजा की संपूर्ण सामग्री
मूर्ति की या मेज, फोटो या तस्वीर, दुर्गा सप्तशती की किताब
1). चौकी पर बिछाने के लिए लाल कपड़ा, ताम्बे, चाँदी, पीतल, मिट्टी मे कोई भी 2 कलश, एक कलश स्थापना के लिए, एक पूजा के लिए, कलश में डालने के लिए गंगाजल, हल्दी, सारी, एक सिक्का, कलश पर बाँधने के लिए मौली, स्वास्तिक बनाने हल्दी, रोली, चावल, कलश सजाने के लिए अशोक के 5, 7 पत्ते , “कलश पर रखने के लिए मिट्टी या चांदी का ढक्कन, जट्टा पानी वाला नारियल, नारियल पर बाँधने के लिए लाल कपड़ा, चुन्नी या मौली ।
2). ज्योत लगाने के लिए अखण्ड ज्योत पीतल या मिट्टी का दीपक रुई या मौली । शुद्ध गाय का देशी घी या तिल का तेल ज्योत के नीचे अष्टदल बनाने के लिए चावल (अक्षत) टूटे हुए ना हो।
3). पूजन के लिए : पान, सुपारी, लौंग, इलायची, कपूर, शहद, इत्र, कुमकुम, सिन्दूर, धूपबती, पंचमेवा रोज प्रसाद चढ़ाने के लिए जैसे- मिश्री, गोला, काजू, मखाना, बदाम, फल, फूल, माला।
हवन करने के लिए, आहुति देने के लिए, हवन कुण्ड, कोई मेट्टी का पात्र हवन में डालने के लिए कपुर, लौंग का जोड़ा, मिश्री, पंचमेत चन सामग्री, लोहबाण, गुग्गल, घी चावल आदि ।
5). ज्वार उगाने के लिए:- 100 ग्राम जौ, साफ की हुई मिट्टी, मिट्टी का कुण्डा । 6). मां का 16 श्रृंगार या फिर कम से कम ये 7 सामान जैसे : चुनरी, सिंदूर, बिन्दी, चूड़ी, महावर या मेहन्दी, काजल, शीशा ।
7).बंदरवाल: गंगाजल में हल्दी, कुमकुम मिलाकर टीका लगाकर आम, अशोक के पत्ते और फूलों से बनी बंदरवाल बनाकर जरूर लगाएं।
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