Labh_Panchami 2023 शुभ लाभ पंचमी कब है और क्या महत्त्व होता है
Labh_Panchami यानी लाभ पंचमी के दिन किसी भी काम या नए व्यवसाय को शुरु करना बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन बिजनेस या व्यवसाय से जुड़े लोग माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं
Labh Panchami 2023 पांच दिवसीय दिवाली उत्सव (Diwali Festival) के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लाभ पंचमी (Labh Panchami) के तौर पर मनाया जाता है, इस पर्व को गुजरात (Gujarat) में रहने वाले गुजराती समुदाय के लोग धूमधाम से मनाते हैं. इस पर्व को भाग्य और अच्छे लाभ का दिन माना जाता है.
दरअसल, गुजरात में इसी दिन से दिवाली उत्सव का समापन होता है इस दिन पूजन करने से जीवन, व्यवसाय और घर-परिवार में लाभ, सुख-समृद्धि व सौभाग्य का आगमन होता है. इसे गुजराती नव वर्ष का पहला कामकाजी दिन माना जाता है. इस साल लाभ पंचमी 18 नवंबर 2023 को मनाई जा रही है.

लाभ पंचमी का महत्व
यह दिवाली के अंतिम दिन मनाया जाता है। इसके बाद से दिवाली समारोह के दौरान बंद की गई दुकानें और व्यवसाय फिर से खुल जाते हैं। किसी भी नए उद्यम और व्यवसाय को शुरू करने के लिए भी यह एक शुभ दिन माना जाता है। भक्त विशेष रूप से भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। भक्त लाभ पंचम (labh pancham) के शुभ दिन अपना खाता खोलते हैं।
जीवन में ज्ञान और समृद्धि के लिए लक्ष्मी गणेश यंत्र से भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। जैन धर्म के लोग अपनी धार्मिक पुस्तकों की पूजा करते हैं। साथ ही ज्ञान की प्राप्ति के लिए विभिन्न प्रकार के प्रसाद, मिठाई और फल अर्पित कर भगवान की प्रार्थना करके लाभ पंचम का पर्व मनाते हैं।
इस दिन कई भक्त मां सरस्वती की विशेष पूजा भी करते हैं। दिवाली के दिन से लाभ पंचम तक अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के यहां जाने की परंपरा है। यह उन सभी के बीच अच्छे संबंधों को फिर से बेहतर करने का अच्छा समय होता है। लाभ पंचम पर मिठाइयों और अन्य उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है, जो एक दूसरे के साथ संबंधों में मधुरता का प्रतीक माना जाता है।

लाभ पंचमी (Labh_Panchami) अर्थ
लाभ पंचम (labh panchami) का अर्थ भाग्य की उन्नति होता है। सुख समृद्धि की दृष्टि से इस पर्व का बहुत बड़ा महत्व होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार लाभ पंचम या लाभ पंचमी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में पंचमी तिथि को मनाई जाती है। लाभ पंचम का मतलब सौभाग्य की प्राप्ति होती है। लाभ का अर्थ सौभाग्य होता है। वहीं पंचम का अर्थ पांचवां होता है। लाभ पंचम आमतौर पर काली चौदस के एक सप्ताह बाद और दिवाली के पांच दिन बाद मनाई जाती है।
लाभ पंचमी (Labh_Panchami) 2023 शुभ मुहूर्त
लाभ पंचम तिथि : 18 नवम्बर, शनिवार
लाभ पंचम शुभ मुहूर्त : 06:16 ए एम से 10:10 ए एम
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ : नवम्बर 17, 2023 को 11:03 ए एम बजे
पञ्चमी तिथि समाप्त : नवम्बर 18, 2023 को 09:18 ए एम बजे
लाभ पंचम की पूजा शुभ, लाभ और अमृत के चौघड़िया में करना उचित होगा।

लाभ पंचमी दिन के लिए चौघड़िया Labh_Panchami
सूर्योदय : सुबह 06:43 बजे
शुभ: दोपहर 08:08 से 09:33 बजे तक
लाभ: 01:48 PM बजे से 03:13 PM बजे तक
अमृत: 03:13 PM बजे से 04:37 बजे तक

लाभ पंचमी रात के लिए चौघड़िया Labh_Panchami
सूर्यास्त : 06:04 बजे
लाभ: शाम 06:04 से रात 07:39 बजे तक
शुभ: PM 09:13 बजे से 10:48 PM बजे तक
अमृत: 10:48 PM बजे से 12:23 AM बजे तक

लाभ पंचमी पूजा विधि Labh_Panchami
पंचम पूजा के दिन भक्तों को प्रातः उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद भगवान सूर्य को जल से अर्घ्य देना चाहिए
शुभ चौघड़िया मुहूर्त में भगवान गणेश और शिव की मूर्तियों को स्थापित करें।
एक सुपारी लेकर उसको चारों ओर पवित्र धागा लपेटें। इसके बाद उसे चावल की गोल ढेरी रख दें। हो सके तो भगवान गणेश की प्रतिमा को भी उसपर ही रखें।
भगवान गणेश को चंदन, सिंदूर, फूल और दूर्वा अर्पित करना चाहिए। वहीं भगवान शिव पर भस्म, बिल्व पत्र, धतूरे के फूल और सफेद वस्त्र अर्पित करना चाहिए।
भगवान गणेश को मोदक और भगवान शिव को दूध से बना प्रसाद चढ़ाना चाहिए।
भगवान शिव और गणेश के लिए लाभ पंचम मंत्र का जाप करना चाहिए।
Labh_Panchami (लाभ पंचमी) पूजा से लाभ
दुकान, व्यवसाय या फैक्ट्री शुरु करने वाले लोग इस दिन को अत्यंत शुभ मानते है। लोग विशेष रूप से अपने नए व्यवसाय को शुरु करते है। हर साल भक्त इस पर्व का बेसब्री से इंतजार करते हैं।
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