मां कात्यायनी पूजा विधि आरती और मंत्र (Maa Katyayni)

मां कात्यायनी पूजा विधि आरती और मंत्र (Maa Katyayni)

माँ कात्यायनी आरती(Maa Katyayni Aarti) “जय कात्यायिनी माता,”,का पाठ माँ कात्यायनी के पूजा के दौरान किया जाता है। माँ कात्यायनी नवरात्रि के छठवें दिन, पूजी जाती हैं। इस आरती में देवी कात्यायनी की महिमा और महत्व का वर्णन किया जाता है | आरती के पाठ के बाद, भक्त देवी कात्यायनी की कृपा और आशीर्वाद की कामना करते हैं। माँ कात्यायनी की पूजा और आरती नवरात्रि के दौरान बड़े धूमधाम से मनाई जाती है, उत्तर भारत में। इसके अलावा, दिवाली के दिन भी माँ कात्यायनी की पूजा और आरती की जाती है।

माँ कात्यायनी आरती के लाभ (Maa Katyayni Aarti Benefits)

माँ कात्यायनी की आरती हिन्दू धर्म में भक्ति और पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, नवरात्रि के दौरान। माँ कात्यायनी आरती सुनने से निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:

आध्यात्मिक उन्नति:

माँ कात्यायनी की आरती को गाने और सुनने से आपका मन और आत्मा शुद्ध हो हैं और आपका आध्यात्मिक जीवन मजबूत होता है.

मानसिक शांति:

आरती को गाने और सुनने से मानसिक चिंता और तनाव कम होता हैं, और आपको मानसिक शांति मिलती है.

आशीर्वाद प्राप्ति:

माँ कात्यायनी की पूजा और आरती से आप माँ का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सफलता पा सकते हैं.

संबंधों मे सुधार:

आरती को सुनने से परिवार और संबंधों में आकर्षिकता बनी रहती है.

सार्थकता:

माँ कात्यायनी की आरती को गाने से आपको अपने जीवन की सार्थकता और उद्देश्य प्राप्त होते है.

ध्यान दें कि यह लाभ श्रद्धा और आस्था के साथ आते हैं, और यह सिर्फ आरती को गाना और सुनने से ही प्राप्त नहीं होते हैं बल्कि आपको माँ कात्यायनी की पूजा को ईमानदारी और समर्पण से करना होगा ताकि आप इन लाभों को प्राप्त कर सकें।

माँ कात्यायनी आरती से जुड़े कुछ प्रश्न (Maa Katyayni Aarti FAQ)

माँ कात्यायनी आरती (Maa Katyayni Aarti)कब पढ़ी जाती है?

माँ कात्यायनी के पूजन के समय पढ़ी जाती है, माँ कात्यायनी, माँ दुर्गा के सातवें रूप में पूजी जाती है और इस दिन पूजा और आरती के अवसर पर माँ कात्यायनी की आरती पढ़ी जाती है।

माँ कात्यायनी आरती (Maa Katyayni Aarti) का क्या महत्व है?

माँ कात्यायनी का नाम हिन्दू धर्म में दुर्गा देवी के रूपों में एक है, और जिसे चैत्र और शरद नवरात्रि में मनाया जाता है, पूजी की जाती हैं। माँ कात्यायनी की आराधना एक आरती के माध्यम से की जाती है, जिसका महत्व निम्नलिखित है:

भक्ति और पूजा:

माँ कात्यायनी की आरती को गाना और आरती सुनना और उनकी पूजा करना भगवान के प्रति भक्ति और श्रद्धा का एक तरीका है।

नवरात्रि का महत्व:

माँ कात्यायनी की पूजा नवरात्रि के दौरान महत्वपूर्ण होती है, जो भगवान दुर्गा की नौ रूपों को पूजा जाता है

आशीर्वाद:

दुर्गा का रूप माँ कात्यायनी वीरगति, सफलता, और धैर्य का प्रतीक बताया गया है, और उनकी पूजा से भक्त उनके आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं। माँ कात्यायनी की आरती का पाठ भक्तों के लिए उनके धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन में महत्वपूर्ण होता है, और यह उनका आशीर्वाद प्राप्ति के लिए एक माध्यम प्रदान करता है।

माँ कात्यायनी आरती (Maa Katyayni Aarti) का क्या उद्देश्य होता है?

मां कात्यायनी आरती के द्वारा भक्त देवी कात्यायनी के प्रति अपनी भक्ति और प्रेम को व्यक्त करते हैं और मां कात्यायनी से आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं। यह आरती भक्तों को दिव्य शक्ति के प्रति उनकी श्रद्धा को मजबूत करने और उनके जीवन में सुख शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन होती है।

माँ कात्यायनी आरती(Maa Katyayni Aarti) कैसे पढ़ी जाती है?

आरती को पढ़ते समय, आपको मां कात्यायनी की मूर्ति की ओर दृष्टि डालनी चाहिए। आरती को पढ़ते समय आरती कीर्तन की ध्वनि को भी सुनना चाहिए। आरती के बाद, प्रसाद बांटना न भूलें और मां कात्यायनी का आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करें।

आरती को पढ़ते समय किन-किन पूजा वस्त्र और पूजा सामग्री का उपयोग किया जाता है?

आरती को पढ़ते समय विभिन्न पूजा वस्त्र और पूजा सामग्री का उपयोग किया जाता है, जो धार्मिक प्रक्रिया के हिस्से के रूप में कार्य करते हैं। यह पूजा की प्रकृति, धार्मिक संदर्भ और स्थल के अनुसार बदल सकता है, लेकिन कुछ सामान्य चीजें निम्नलिखित लिखित हैं:

पूजा वस्त्र (पोशाक):

आरती के समय आमतौर पर व्रतियों और पुजारियों द्वारा धारण किए जाने वाले विशेष पूजा वस्त्र का उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग पूजा के लिए शुद्धता और पवित्रता की दृष्टि से किया जाता है।

दीपक ( लौ ) और दीप:

आरती में दीपक ( लौ ) का उपयोग किया जाता है, जिसमें तेल या घी में भगवान के लिए दीप जलाया जाता है।

धूप और धूप की बत्तियां:

धूपवत्ति और धूप का उपयोग सुगंधित और देवी माँ को खुश करने के लिए जलायी जाती है

फूलों का उपयोग:

आरती के समय फूलों का उपयोग देवी माँ की आराधना में किया जाता है, जिससे आरती की महिमा को बढ़ावा दिया जा सके

इत्र (सुगंध):

धार्मिक पूजा के दौरान, विशेष रूप से चन्दन इत्र और केसर का उपयोग खुशबू ओर माँ को प्राशनता प्रदान करने के लिए किया जाता है

पूजा की थाली और थाली के सामग्री:

पूजा की थाली पर पूजा सामग्री जैसे कि कलश, मंगलकला चंद्रकला, सुपारी, रुपे, मोली, धागा, गुड़, आक्षता, इत्यादि रखी जाती हैं और इनका उपयोग आरती में किया जाता है।

ये सामान्य तरीके हैं, लेकिन यह वास्तविक सामग्री और पूजा के प्रकार के आधार पर भिन्न भिन्न हो सकते हैं। व्यक्तिगत पूजा संप्रदायों और पारंपरिक आचार्यों के मार्गदर्शन के आधार पर, पूजा सामग्री की विशेषता भी हो सकती है।

माँ कात्यायनी आरती का लिरिक्स हिंदी में (Maa Katyayni Aarti Lyrics In Hindi)

जय कात्यायिनी माता,
जय कात्यायिनी माता ।
सुख सृष्टि में पाये ,
जो तुमको ध्याता ।।

जय कात्यायिनी माता ।।

आदि अनादि अनामय ,
अविचल अविनाशी ।
अटल अनत अगोचर ,
अध् आनंद राशि ।।

जय कात्यायिनी माता ।।

लाल ध्वजा नभ चमक ,
मंदिर पे तेरे ।
जग मग ज्योति माँ जगती ,
भक्त रहे घेरे ।।

जय कात्यायिनी माता ।।

हे सतचित सुखदायी ,
शुद्ध ब्रह्म रूपा ।
सत्य सनातन सुन्दर ,
शक्ति यश रूपा ।।

जय कात्यायिनी माता ।।

नवरात्री का छठा है ,
ये कात्यायिनी रूप ।
कलयुग में शक्ति बनी ,
दुर्गा मोक्ष स्वरूप ।।

जय कात्यायिनी माता ।।

कात्यायन ऋषि पे किया ,
माँ ऐसा उपकार ।
पुत्री बनके आ गयी ,
शक्ति अनोखी धर ।।

जय कात्यायिनी माता ।।

देव की रक्षा माँ करे ,
लिया तभी अवतार ।
ब्रज मंडल में हो रही ,
आपकी जय जयकार ।।

जय कात्यायिनी माता ।।

श्री कृष्णा ने भी किया ,
अम्बे आपका जाप ।
दया दृष्टि हम पर करो ,
बारम्बार प्रणाम ।।

जय माँ कात्यायनी ।।

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