Manokamna Purn शिवलिंग पर जल चढाते समय में डाले ये 5 चमत्कारी चीज
कहा जाता है कि भोलेनाथ इतने भोले हैं कि एक लोटा जल चढ़ाने से प्रसन्न हो जाते हैं, हर हर महादेव नाम जपने से सभी क्लेश दूर हो जाते हैं, शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से तीनों लोक में धनवान होने का सोभाग्य बनता है|
Manokamna Purn भोलेनाथ को खुश करने के लिए भक्ति जल अभिषेक के साथ साथ उसमे कुछ सामग्री भी मिलते है, उसके बाद शिवलिंग का अभिषेक करते है,
भक्त उन्हें पंचामृत, जल दूध गंगाजल चन्दन और बेलपत्र का अभिषेक करते हैं, कि शिवलिंग पर चढ़ाने वाले जल में अगर ये खास चीज डालकर चढ़ाएंगे तो मिनटों में पूरी होगी मनोकामना,

शिवलिंग की किस दिशा में जल नहीं चढ़ाना चाहिए Manokamna Purn
महादेव को जल चढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें, कि कभी भी पूर्व दिशा की ओर मुंह करके जल न चढ़ाएं, पूर्व दिशा को भगवान शिव का मुख्य प्रवेश द्वार माना जाता है,
मान्यता के अनुसार इस दिशा में मुख करने से शिवजी के द्वार में बाधा उत्पन्न होती है और वह रुष्ट भी हो सकते हैं, इसलिए इस दिशा में कभी भी जल ना चढ़ाएं,
शिवलिंग पर जल चढाने की सही दिशा क्या है
हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुख करके शिवजी को जल अर्पित करें, ऐसा कहा जाता है, कि इस दिशा की ओर मुख करके जल चढ़ाने से शिव और पार्वती दोनों का आशीर्वाद मिलता है,

शिवलिंग पर जल चढाते समय जल की धार का विशेष ध्यान रखे
देवधिदेव को जलाभिषेक करते समय शांत मन से धीरे-धीरे जल अर्पित करना चाहिए, मान्यता है कि जब हम धीमी धार से महादेव का अभिषेक करते हैं, तो महादेव विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं, भोलेनाथ को कभी भी बहुत तेज या बड़ी धारा में जल नहीं चढ़ाना चाहिए,
मनोकामना के लिए जल में डालें ये चीज
यदि आपकी कोई इच्छा है, या कोई मनोकामना है, जो पूरी नहीं हो रही तो इस महाशिवरात्रि के दिन एक लोटा जल लेकर इस में कुछ बूंदे गन्ने के रस की डाले, और सही दिशा में खड़े होकर शिवलिंग पर अर्पित करें,
शिवलिंग पर क्या चढ़ाने से मनोकामना पूर्ण होती है
शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली चीजें विभिन्न शिव पूजा परंपराओं और स्थानों पर भिन्न-भिन्न हो सकती हैं, हिन्दू धर्म में भगवान शिव को बहुत से अर्थों में पूजा जाता है,
और विभिन्न प्रकार की मनोकामनाएं और आशाएं उन्हें चढ़ाई जाने वाली चीजों के माध्यम से प्रकट होती हैं,

कुछ सामान्य चीजें जो शिवलिंग पर चढ़ाई जाती हैं:
बेल पत्र: बेल पत्र शिव पूजा में एक महत्वपूर्ण चीज है, और इसे शिवलिंग पर चढ़ाना माना जाता है, कि यह मनोकामनाओं को पूरा करने में मदद करता है,
धूप और दीप:
शिव पूजा में धूप और दीप का उपयोग होता है, जिससे पूजा का एक सुंदर और धार्मिक वातावरण बनता है,
जल:
जल (पानी) शिवलिंग पर चढ़ाई जाती है, जिससे शिव पूजा में शुद्धता बनी रहती है,
फल और मिठाईयां:
कई लोग फल और मिठाईयां शिवलिंग पर चढ़ाकर भगवान की कृपा की कामना करते हैं।
बेल पत्र:
बेल पत्र को भी शिवलिंग पर चढ़ाने का महत्व है, और इसे शिव पूजा में प्रिय माना जाता है।
यह सभी चीजें भक्तिभाव से चढ़ाई जाती हैं, और यह माना जाता है कि इससे मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो सकती है।
यह सब तात्पर्यिक रूप से आध्यात्मिक साधना और भक्ति का हिस्सा है और विभिन्न संप्रदायों और स्थानों पर इसका विभिन्न अर्थ हो सकता है।

शिवलिंग पर जल में क्या डालकर चढ़ाना चाहिए
शिवलिंग पर जल (जलाभिषेक) करते समय कुछ विशेष पदार्थों का उपयोग किया जा सकता है, जो भगवान शिव की पूजा में प्रिय माने जाते हैं। यह उचित होता है
कि आप स्थानीय पूजा परंपरा और आपकी व्यक्तिगत आस्था के अनुसार यह तय करें, क्योंकि यह विभिन्न स्थानों और संप्रदायों में भिन्न हो सकता है।
कुछ आम चीजें जो जल में मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाई जा सकती हैं:
दूध: शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से कहा जाता है कि यह भगवान को सुखद लगता है और भक्ति को स्वीकारता है।
योग्य जल (पवित्रित जल): कई स्थानों पर पवित्रित जल का उपयोग किया जाता है, जो पूजा के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया होता है।
गंगाजल: गंगाजल को भी शिव पूजा में उपयोग किया जा सकता है, और इसे शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
रोसे वॉटर: कुछ लोग शिवलिंग पर रोसे वॉटर चढ़ाते हैं, जिससे पूजा में और भी सुंदरता आती है।
शिवलिंग पर सबसे पहले क्या चढ़ाना चाहिए
शिवलिंग पर सबसे पहले चढ़ाने के लिए बहुत से लोग बिल्व पत्र (बेल पत्र) का उपयोग करते हैं। बिल्व पत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने का क्रम शिव पूजा में प्रथमिकता देते हैं क्योंकि इसे भगवान शिव के प्रिय रूपों में गिना जाता है।
बिल्व पत्र के अलावा, कुछ स्थानों और परंपराओं में धूप और दीप भी पहले चढ़ाए जा सकते हैं। ये सामान्यत: पूजा का आरंभ करने के लिए किए जाते हैं और पूजा के अवसर पर शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।
शिवलिंग पर लौंग चढ़ाने से क्या होता है
लौंग (clove) को शिवलिंग पर चढ़ाने का क्रम शिव पूजा में एक प्रचलित पद्धति है,
और आत्मा को पवित्रता मिलती है।
लौंग के चढ़ाव को अनुसरण करने के पीछे कई अर्थ हो सकते हैं,
और यह स्थानीय परंपरा, संप्रदाय, और व्यक्तिगत आस्था पर निर्भर कर सकता है।
धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो, प्रत्येक पूजा विधि और चढ़ाव का अपना महत्व होता है,

मनोकामना पूर्ति के लिए शिवजी की पूजा कैसे करें
शिवजी की पूजा को मनोकामना पूर्ति के लिए करने के लिए आप निम्नलिखित विधि का पालन कर सकते हैं।
यह एक सामान्य रूप है, और आप इसे अपनी आस्था और संप्रदाय के अनुसार अनुकरण कर सकते हैं:
स्नान (शुद्धि):
पूजा करने से पहले अपने शरीर को शुद्ध करने के लिए स्नान करें।
यह शारीरिक और मानसिक शुद्धता को सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
पूजा स्थल की तैयारी:
एक शिवलिंग पूजा के लिए एक शुद्ध और शांत स्थान तैयार करें।
शिवलिंग की पूजा:
शिवलिंग पर बेल पत्र, जल, धूप, दीप, और बहुत से लोगों के अनुसार लौंग भी चढ़ाते है।
इसके साथ ही मंत्र जाप करें और अपनी मनोकामना को भगवान के सामने रखें।
मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” या किसी अन्य शिव मंत्र का जाप करें।
मंत्र जाप करने से मन को शांति, सकारात्मक ऊर्जा, और ध्यान की स्थिति मिलती है।
आरती:
शिव आरती गाएं और इसके साथ ही पूजा को समाप्त करें।
व्रत और उपवास:
शिव पूजा के दिन व्रत रखने और उपवास करने की रूपरेखा भी हो सकती है।
भक्ति और श्रद्धा से:
महत्वपूर्ण है कि आप इस पूजा को भक्ति और श्रद्धा के साथ करें, और अपनी मनोकामनाएं भगवान के सामने रखें।
‘शिव पूजा में प्रमुख आदत है कि चावल को शिवलिंग पर चढ़ाते समय भक्ति भावना
और श्रद्धा के साथ किया जाए। चावल को एक अर्थपूर्ण रूप से पूजा में शामिल किया जाता है,
और आप अपनी स्थिति और आस्था के आधार पर यह निर्धारित कर सकते हैं
कि आप शिवलिंग पर कितने चावल चढ़ाना चाहते हैं। यदि आप किसी स्थानीय पूजा परंपरा का पालन कर रहे हैं,
शिवलिंग पर काले तिल कब चढ़ाना चाहिए
काले तिल को भगवान शिव की पूजा में चढ़ाने का क्रम कुछ स्थानों संप्रदायों में किया जाता है
काले तिल का चढ़ाव करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं,और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं,
इसमें एक आदत है, कि भक्त शिवलिंग पर काले तिल को चढ़ाते समय विशेष मंत्रों का जाप करता है,
शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने के लिए कुछ लोग आमतौर पर शिवरात्रि, सोमवार (मंगलवार), और पूर्णिमा (शिवरात्रि को छोड़कर)