पितृ पक्ष में श्राद्ध करने का ये है सही तरीका और सही विधि

पितृ पक्ष में श्राद्ध करने का ये है सही तरीका और सही विधि

ब्राह्मण भोजन से पहले पंचबलि जरूर निकाले जैसे गाय, कुत्ते, कौए, देवता और चींटी के लिए भोजन सामग्री पत्ते पर निकालें मान्यता है कि पितर इन्हीं पांच रूपों में धरती पर आते है और अपने संतान को आशीर्वाद देते है। दक्षिणाभिमुख (दक्षिण दिशा में मुंह रखकर) कुश (घास ) जौ, काला तिल, चावल, तुलसी, कच्चा दूध और जल लेकर संकल्प करें, दक्षिण मुखी होकर पितरों के नाम से जल अर्पित करें। उसके बाद शुद्ध सात्विक भोजन की थाली अथवा पत्ते पर ब्राह्मण हेतु भोजन परोसे ।

अगर किसी कारण ब्राह्मण को अपने घर पर ना बुला पाए, भोजन ना बना पाए तो ऐसे में खाने पीने का सुखा सामान जिसे सीधा (दान) सामग्री जैसे आटा, चावल, नमक, मिर्च, घी, गुड़, उड़द दाल, सब्जी अपनी सामर्थ्य और इच्छा के अनुसार किसी गरीब या जरूरतमंद ब्राह्मण के घर जरूर पहुंचा देना चाहिए। ऐसा करने से भी पित्र देवता खुश होते हैं उनकी कृपा प्राप्त होती है ।

आज हम बात करेंगे पितृ पक्ष में श्राद्ध करने के सही तरीके और विधि के बारे में। श्राद्ध, जो धार्मिक परंपरा है, अपने पूर्वजो के प्रति नमन का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।

सबसे पहले, हमें ध्यान देना चाहिए कि श्राद्ध में पवित्रोण वड्डी महत्वपूर्ण है। पवित्रहोना एक ही थाली में एक प्रभावशाली रक्त और पानी की सब्जी बना सकता है।

इसके साथ-साथ, सब्जियां बनाना से पहले, एक ब्राह्मण को भोजन कराने के लिए बुलाना भी जरूरी है। इसे आप पवित्रहोना और श्राद्ध को एक अच्छा उपहार देते हैं।

पितृ पक्ष में श्राद्ध और तर्पण के अलावा, पिंड दान भी प्रमुख है। पिंड दान में, आप अपने पूर्वजों के लिए आहुति देते हैं। इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है।

अगर आप श्राद्ध के लिए एक पंडित की सहायता लेना चाहते हैं, तो वह भी एक अच्छा विकल्प है। पंडित विद्वान होते हैं जो हमें सही विधि और पूजा का मार्गदर्शन करते हैं।

पितृ पक्ष के दौरन, हमें अपने पूर्वजों के समय चक्र, जैसी धार्मिक किताबें पढ़नी चाहिए। ये हमारे पूर्वजों को शांति और मुक्ति में सहायता करता है।

श्राद्ध के दौरान अपने आस-पास के गरीबों को खाना खिलाना भी बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि ये भी धार्मिक निष्ठा और सेवा का एक प्रकार है।

श्राद्ध के दौरन, हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि हम अपने पूर्वजों के प्रति नमन करें और उनको श्रद्धा भाव से याद करें। इससे उनकी आत्मा को सद्गति मिलती है।

तो ये पितृ पक्ष में श्राद्ध करने की सही तारीख और विधि। यह विधि ध्यान रख कर और श्रद्धा भाव से की जाए तो हमारे पूर्वजों को शांति और मुक्ति प्राप्त होगी।

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पितरों के निमित्त अग्नि में गाय के दूध से बनी खीर अर्पण करें ।

पितृ मंत्र ॐ पितृ देवतायै नमः

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